रहेते कहॉ हो और पता कहॉ का दे दिया


एक faquir ,सुबह मस्जिद के बहार बैठा रहा , सब नमाजी आंख बचा के चले गए ,वोह फेर दोपहर को चर्च गया , फेर mandir और फेर शाम को gurudwara ,lekin उसको कीसी ने कुछ नहीं डाला .
आखिर रात को एक मैखाने के बहार आकर बैठ गया ,जो शराबी निकलता उसके कटोरे मे कुछ दाल देता ...,उसका कटोरा नोटों से भर गया ,faquir बोला "वाह ! मेरे मौला ! रहेते कहॉ हो और पता (address) कहॉ का दे रखा है

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